Saturday, April 10, 2010

सत्य और असत्य में क्या फर्क है.....

सत्य कि खोज में निकला वो..............................................
असत्य ने उसको घेर लिया.................................................
असत्य को सत्य समझ के उसने जीना सीख लिया..............
सत्य से सामना हुआ भी उसका पर उसे लगा वो असत्य है...
अब कौन बताये उसको सत्य और असत्य में क्या फर्क है.....

बिल्ली रास्ता काट गई तो रुक गया वो दो पल को.................
सुन रखा था उसने कि होता है अबसगुन आने वाले कल को...
सुनी सुनाई बातों पर हम यकीन क्यों कर लेते है...................
क्यों नहीं समझते हम कि अंध विश्वाश में जीते है..................
अरे बुजदिल है हम कि एक बिल्ली से डरते है .......................
आ गया शेर सामने तो सीधे हार्ट अटेक का जर्क है.................
अब कौन बताये उसको .......................................................

टीवी पर जो दिखता उसने कई परिवार तोड़ दिए...................
टीवी कि कलह अब घर में आ गई........................................
बेटे ने बाप से और पत्नी ने पति से मुह मोड़ लिए...................
अब कौन समझये भाग्यवान को कि सक मत करो...............
दफ्तर आते जाते उसपे नजरे मत रखो.................................
अरे वो तुम्हारा पति है तुम्हारा ही रहेगा................................
मैडम टीवी के रिश्तों में और घर के रिश्तों में जमीन आसमान का फर्क है...
अब कौन बताये उसको........................................................

जिस्म,मर्डर जैसी फिल्मे क्या दिखाना चाहती है... ................
बचता क्या है छुपाने को सुंदरिय सब कुछ दिखा जाती है........
घर वालों के सामने हम इस नग्नता को नहीं देख सकते.........
डर लगता है कंही बटन न दाव जाये रिमोट कि जम से...........
अरे क्यों बेंच खा रहे हो हमारी सभ्यता और संस्कृति को........
क्या रह जायेगा अंतर हम्मे और गोरों में...............................
अब कौन बताये उनको कि भारत और इंडिया में बस यही फर्क है.....

अब कौन बताये उसको सत्य और असत्य में क्या फर्क है.......

1 comment:

  1. ..... बहुत खूब,प्रभावशाली भाव,प्रसंशनीय अभिव्यक्ति!!!

    ReplyDelete