ज्ज़बात है...मेरे अंतर्मन का...कुछ कहने का...कुछ कर दिखाने का...ज्ज़बात है..मेरे बचपन का..मेरी जवानी का...मेरी पत्रकारिता का....ज्ज़बात है...मेरी कलम का...मेरी सोच का..मेरे हौसलें का..ज्ज़बात है...नयापन दिखाने का...ऊँची उड़ान का...सच के साथ चलने का...ज्ज़बात है..मेरे अपनेपन का....जो है...आपके साथ...आपके लिए...हमेशा....ज्ज़बात एक खबरनवीस का....
Tuesday, June 12, 2012
meri tarah lapata
हर पते पर कोई न कोई मिल जायेगा,
मेरी तरह लापता दो चार लोग होते है...
मेरी तरह दो ...
मेरी तरह दो ...
मेरी तरह लापता दो चार लोग होते है...
- कि इंसान के मरने पर इंसान रोयेंगे,
मेरी तरह दो ...
- चराग जलाना उनके लिए आसान है बहुत,
मेरी तरह दो ...
- हँसता बहुत है संसार अजूबों को देखकर,
मेरी तरह दो चार लोग होते है...
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