दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
दोस्तों को दीप मुबारक... दुश्मनो को रौशनी मुबारक...
* दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
- आँगन कि रंगोली मुबारक... फूलों कि थाल मुबारक...
- आपको ख़ुशी मुबारक... ख़ुशी का हर पल मुबारक...
* दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
- फटाको कि लडिया मुबारक... फुलझड़ी कि चट चटाहत मुबारक...
- आपको शुभ मुबारक... साथ में लाभ मुबारक...
* दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
- रंग बिरंगे कपडे मुबारक... सोने चांदी के गहने मुबारक...
- बड़ों का स्नेह मुबारक... छोटो को प्यार मुबारक...
* दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
- लक्ष्मी का आशीष मुबारक... गणेश का अभिषेक मुबारक...
- बूंदी के लड्डू मुबारक... बतासों का सवाद मुबारक...
* दीपों कि ये शाम मुबारक... शाम कि झिलमिल मुबारक...
प्रशांत हिन्दुस्तानी, रिपोर्टर. डी बी स्टार, रायपुर
ज्ज़बात है...मेरे अंतर्मन का...कुछ कहने का...कुछ कर दिखाने का...ज्ज़बात है..मेरे बचपन का..मेरी जवानी का...मेरी पत्रकारिता का....ज्ज़बात है...मेरी कलम का...मेरी सोच का..मेरे हौसलें का..ज्ज़बात है...नयापन दिखाने का...ऊँची उड़ान का...सच के साथ चलने का...ज्ज़बात है..मेरे अपनेपन का....जो है...आपके साथ...आपके लिए...हमेशा....ज्ज़बात एक खबरनवीस का....
Monday, October 24, 2011
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
अश्मा का चाँद खुद को छिपता नहीं, परदे गिरता नहीं...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है... फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
१- इज-ए-इश्क करना आसान नहीं... इसकी कोई परिभाषा नहीं...
अब इस दिल का क्या करे जो उसके ख्यालों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...............
२- दिल तुम्हारा धडके उसके लिए... ये जरुरी नहीं कि उसका भी धडके तुम्हारे लिए...
वो सदा खुश रहे जो निगाहों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है... फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
१- इज-ए-इश्क करना आसान नहीं... इसकी कोई परिभाषा नहीं...
अब इस दिल का क्या करे जो उसके ख्यालों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...............
२- दिल तुम्हारा धडके उसके लिए... ये जरुरी नहीं कि उसका भी धडके तुम्हारे लिए...
वो सदा खुश रहे जो निगाहों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
Subscribe to:
Posts (Atom)