Friday, October 16, 2009

इमानदारी की सजा

रायपुर का एक सिटी एसपी अपने पद से इस्तीफा देता है... सवाल आख़िर क्यों... इन दिनों पूरे राज्य में सिर्फ़ इसी कि चर्चा है..... पुलिस आधिकारी से लेकर मुखमंत्री रिक्शेवाले से लेकर दूकानदार तक दिवाली के मोके पर फटाको के बाजार के साथ साथ शशिमोहन के इस्तीफे कि चर्चा हो रही है...यूँ तो कई पुलिस वाले इस्तीफा देते है..आधिकारी इस्तीफा देते है पर उनकी ख़बर सिर्फ़ अखबारों के पन्ने के किसी कोने में दब कर रह जाती है पर शशिमोहन के इस्तीफे कि ख़बर आप आश्चर्य करेंगे जब एक मीडिया बंदू ने शशिमोहन के घर का पता पूछा तो रिक्शेवाले ने शशिमोहन के घर का पता बाद में बताया पहले यह कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है... शायद आपको मेरी बातों पर पुरा यकीन ना हो पर बात सोला आने सच है.... जी हां पाँच महीनो पहले रायपुर में शशिमोहन कि नियुक्ति कि गई उन्हें कबर्धा से रायपुर लाया क्या क्योंकि यंहा पर अपराध लगातार बढ रहा .राजधानी में अपराध को रोकने के लिए शशिमोहन को लाया क्या... जिस रफतार से शशिमोहन or रजनेश सिंह और आजाद सात्रू बहारूर सिंह ने गुंडों बदमासों पर नकेल कसने शुरी कि उससे रायपुर में अमन चैन लोटने लगा पर यंहा भी राजनीति हावी होने लगी....

शशिमोहन सिंह कि देह्सत और उसका काम जिस रफ़्तार से चला उसने आला पुलिस आधिकारियों को परेशानी में डाल uसका टीवी में दिखना आला आधिकारियों को तो खटका ही साथ ही फिर चाहे मंत्री हो या संत्री उन सबके खिलाफ उसकी मुहीम चली..जुआ साट्टे में कई मंत्रियों के चेले पकड़े गए और उन पर भी बराबर कारवाही हुई... पर १३ तारीख को रायपुर के तेलीबांधा में एक कोल्ड स्टोरेज में छापा मारा गया और जन्हा से कई टन नकली मबा जप्त हुआ... और उसी में था एक मंत्रियों के खासमखास का नाम और उसी नाम को काटने के लिए जब पुलिस आला अधिकारीयों पर दबाब पड़ा तो उन्होंने शशिमोहन को नाम काटने के लिए कहा पर नाम ना काटने कि जिद और फर्ज के प्रति बफादार इस पुलिस आधिकारी कि आला पुलिस आधिकारियों से बहस हो गई और इसी दोरान अधिकारी ने शशिमोहन को कुछ एसा कह दिया जिससे इस इमानदार आधिकारी के सम्मान पर बात आ गई और जेब में रखा इस्तीफा उसने एसपी को दिया और चालते बना.....अगर पुलिस में इमानदारी से नोकरी करने कि ये सजा मिलिगी तो क्या कोई खाक पुलिस कि बर्दी पहिनकर मंत्रियों के तलबे चाटेगा ..... शायद इसलिए अपनी बर्दी का सम्मान करते हुए शशिमोहन ने कुछ और बात आगे बड़े इस्तीफा देना ही बेहतर समजा जब मैंने उससे बात कि तो शशिमोहन का कहना था कि एक पंछी को पिंजरे में कैद करकेउसे अगर सोने के कातोरे में भी खाना क्यों न दिया जाए तब भी वो नही खायेगा क्योंकि उसे खुले आसमान के निचे लगे नीम के पेड पर बने घोसले में खाना आच्चा लगेगा...... पर शशिमोहन इस्तीफा देने के बाद भी कुछ करना चाहते है उनका कहना है कि वो कभी भी जनता से दूर नही होंगे और गुनाह के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे... हलाकि कि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नही हुआ है॥ पर उम्मीद है कि बो बपिश जरुर लोट आयेंगे... पर फिलहाल रायपुर में माहोल बिगाड़ने लगा है ...

पर देश कि अंदरूनी सुरक्ष कि जिम्मेदारी उत्नाने वाली पुलिस अगर नेताओ के इसारे पर चलती है तो देश का क्या होगा॥ हालाकि आपको बता दे कि इस ख़बर को लेकर तरह तरह के क्याश लगये जा रहे है... प्रिंट मीडिया तो पता नही क्या क्या छाप रहा है.... पर इतना जरुर है कि इस्तीफे ने पुलिस विभाग कि पोल खोल दी है कि... यह विभाग सिर्फ़ जिन्दा है तो शशिमोहन जैसे अफसरों के बरना कब का बिक गया होता.... अगर लोग कहते हा कि पुलिस बिकाऊ है तो कुछ गलत नही कहते॥

राज्ये में नक्सली आपना कहर बरपा रहे है... और एसे में नेता के दबाब में कोई पुलिस वाला अपने निचे के अधिकारी को कुछ कहता हैवो भी इतना कि उसे इस्तीफा देन पड़ जाए तो इससे ज्यादा इस विभाग के लिए सरम कि बात और क्या हो सकती है... अब देखने वाली बात तो यह है कि मामला गर्माता देख आला अफसर क्या बोलते है .... पर मैं तो इतना ही कहूगा कि पुलिस में भरती होने से अच्छा है मट्टी खोद के पैसा कम लो पर खाकी पहनकर सफेद्पोसों के पैर मत चाटो...