Friday, April 8, 2011

....क्योंकि कोई यूँ ही दीवाना नहीं होता...

उसकी आखों ने इशारा किया होगा क्योंकि कोई यूँ ही दीवाना नहीं होता...
भले ही छुपा ले वो दिल कि बात ईमान से...
पर मोहबत करने वालों के लिए निगाहे पड़ना कोई मुस्किल काम नहीं होता...
१- सब सोचते है... पहले प्यार का ख़त क्या लिखूं, कैसे लिखूं...
पर ये मेरे दोस्त, इज-हारे-दिल लिखना इतना आसान नहीं होता...
२- सीने पर रख कर सोता हूँ उसकी तस्वीर को, आह्ट होते ही छुपा लेता हूँ...
दिल का दुर्द क्या हे मेरे... किसी को समझाना इतना आसान नहीं होता...

प्रशांत हिन्दुस्तानी, रिपोर्टर, डीबी स्टार, raipur