Saturday, April 17, 2010

सानिया सोएब कि शादी क्या हुए... मीडिया कि चांदी हो गई...
दंतेवाडा में चली गोलिया... पर वो खबर पानी हो गई...............
जोड़े ने कितने कपडे बदले और कहा से ख़रीदे है... इस पर थी सबकी नजर............
पर कितनी सुहागने सफेद लिबाज हुई... उनके दर्द कि किसी ने नहीं दिखाई खबर..
अरे आज क्या इसी को पत्रकारिता कहते है... अगर कहते है तो मुझे माफ़ करो.......
मुझे पत्रकार जमात में होने का अब अफसोश है.....
लिख रहा हूँ जो दिल कि बात यही मेरा आक्रोश है...

१....
एक एक कर जवानो कि लाशे धरती पर गिर रही थी.............
कंही माथे का सिंदूर पूछ रहा था कंही पर चुडिया टूट रही थी...
पर मीडिया लगा हुआ था सानिया के हाथो में लगी मेंहदी का रंग जानने...
कौन से कपडे पहनेगी वो इस खबर को ब्रेअकिंग न्यूज़ के साथ चलाने......
कंही देर न हो जाये सानिया और सोएब कि जिन्दगी कि कोई खबर चुक न जाये...
क्या यही है तेरा रूप... अगर है तो दोस्त मेरी बात मान ले...
लोगो के कुस्से से पहले अपने कलम थम ले.......................
अगर कलम टूट गई तो में भी नहीं जाता पाउँगा अफसोश...
लिख रहा हूँ जो दिल कि बात यही मेरा आक्रोश है................

२....
एक दो चनलों ने हिम्मत दिखाई... और दंतेवाडा तक छलांग लगाई...
वो सिर्फ इसलिए कि मंत्री जी दौर पर थे... सायद उनकी कबरेज से मिल जाये कुछ मलाई...
क्योंकि आज का मीडिया मंत्रियों के आशीर्बाद से चलता है...
और जिसकी सरकार उसकी नोकरी करता है... ..................
आज अगर कंहू कि ये बिन पेंदी का लोटा है तो कुछ गलत नहीं होगा..................
सानिया कि शादी कि खबर से लेकर सुहागरात तक का पैसा सायद मिला होगा...
अगर ये सच है तो ये भारत दोष है.........................
लिख रहा हूँ जो दिल कि बात यही मेरा आक्रोश है...

३....
७४ जवानो कि शहादत को मैं तो व्यर्थ नहीं जाने दूंगा.......
लिखता रहूँगा आखरी दम तक लड़ने वोलों का साथ दूंगा...
रही बात सानिया शोएब कि शादी कि तो वो हो चुकी है.......
अब भी बक्त है जाग जाओ... बरना बहुत देर हो जाएगी......
माफ़ी मागोगे तो वो भी न मिल पायेगी.............................
मगर इतना याद रखो कि दुवारा ये गलती न हो.................
क्योंकि बार बार गलतियों उफनता आक्रोस है...................
लिख रहा हूँ जो दिल कि बात यही मेरा आक्रोश है.............

मुझे पत्रकार जमात में होने का अब अफसोश है.....
लिख रहा हूँ जो दिल कि बात यही मेरा आक्रोश है...