अश्मा का चाँद खुद को छिपता नहीं, परदे गिरता नहीं...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है... फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
१- इज-ए-इश्क करना आसान नहीं... इसकी कोई परिभाषा नहीं...
अब इस दिल का क्या करे जो उसके ख्यालों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...............
२- दिल तुम्हारा धडके उसके लिए... ये जरुरी नहीं कि उसका भी धडके तुम्हारे लिए...
वो सदा खुश रहे जो निगाहों में है...
फिर ये धरती का चाँद क्यों नकाबो में है...
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