Wednesday, June 30, 2010

वाह रे ननकी राम...जवान मर रहे हर बार...

नक्सलवाद का तोड़ धुड़ना तो दूर कि बात है हम तो सिर्फ हर हमले के बाद अपने जवानो के शव गिनते रह जाते है... जी है जब से नक्सलवादियों ने अपनी बन्दुक उठाई है एसा बहुत कम ही हुआ है कि हमें नक्सालियों के शब् मिले हो.... और मिल भी कैसे सकते है क्योंकि वो तो मरते भी है और अपने साथियों के शव ले भी जाते है... एसे में ये क्याश लगाया जाना कि नाक्साली मारे गए बहुत बड़ी भूल है... जी है ये बही बात है जिससे आज तक हमारी सरकारे खुद को दिलाशा देती आ रही है... महज तीन महीनो में हमने अपने १५० से ज्यादा जवान खो दिए... और हमें हाथ लगा क्या सिर्फ और सिर्फ नाकामयाबी... पर इस असफलता से आज तक हमारी सरकारों ने कोई सबक नहीं लिया और ये तो इस बात कि गारंटी भी नहीं लेते कि अब नाक्साली हमले में जवान नहीं मारे जायेंगे... हेरानी कि बात तो ये है कि कल जब नाक्साली हमला हुआ तो हमारे देश के गृहमंत्री पूजा में व्यस्त थे... वाह रे ननकी राम जवान मर रहे हर बार॥
एक के बाद एक नक्सालियों का कहर इस राज्य में टूट रहा है... हर चालीसवे दिन एक बड़ी घटना से पूरा देश देहल जाता है और उस घटना के बाद राज्य के मुखिया बैठक बुलाते है... सुबह वाही सिलसिला... जवानो कि छाती पर फूल रख दिया जाते है नमन कर लिया जाता है... गार्ड ऑफ हौनौर दिया जाता है... उसके बाद मंत्री अपने काम में लग जाते है... अरे भाई कोई ये तो बताओ कि हम हर बार जब इतना कर सकते है तो क्या एक बार शांत दिमाक से ये नहीं सोच सकते कि अब नक्सालियों को ख़त्म करना है... अब आर पार कि लड़ाई लड़नी है... इन नेताओ में सिर्फ सियासी रोटिया सकने कि कूबत है इससे ज्यादा कुछ नहीं... चलिए हम आपको राज्य के गृहमंत्री ननकी राम कंवर साहब कि बात बताते है ... कल शाम ७ बजे तक इस बात कि पुष्टि लगभग हो चुकी थी कि हमारे काफी संखिया में जवान मारे गए है... जब मीडिया प्रतिक्रिया लेने साहब के दरवाजे पर पंहुचा तो पता चला कि ननकी राम कंवर पूजा में धियान मग्न है... आपको ये भी बताये कि मुखमंत्री रमन सिंह के निवास पर उसी समय बैठक थी जिसमे इन जनाव को शामिल होना ही था... पर कंहा ये तो थे भक्ति में लिप्त... भक्ति भी एसी कि २६ जवान शहीद हो गए और ननकी राम... राम राम करने में लगे हुए थे... पर जब मीडिया ने इस खबर को उझला तो सिर्फ लाल बत्ती लगी सिंगेल गाडी में पहुचे सीधे सीएम निवास... मुस्किल से १० मिनिट के बाद निकल आये... ये तो दशा है उस राज्य कि जन्हा नाक्साली तांडव कर रहे है और हमारी सरकार के सबसे बड़े पोस्ट पर कविज गृहमंत्री पूजा कर रहे थे... भला क्यों कैसे उन जवानो का मनोबल ऊपर करे...
इस बिडम्बना कहे या फिर भूल समझ नहीं आता... पर आज जरुरत आ गई है कि जबाब देना चाहिए... लगता ही कि सरकार इस बात का इन्तेजार कर रही है कि जब दुश्मन दरबाजे पर आएगा तब हथियार उठाएंगे... बड़ा दुःख होता है कि न तो राज्य सरकार कुछ कर रही है न केंद्र कुछ कर रहा है... सब मीडिया में बयां देने हर घटना के बाद चले आते है मुह उठाकर... सबाल ये है कि आखिर कर रुकेगी ये नाक्साली वारदाते॥ आखिर कब तक माटी लाल होती रहेगी... कब तक आदिवासियों कि दुहाई देकर नक्सालियों से सामना करने से कतराएगी सरकार... क्यों नहीं उतरती सेना... अब बक्त आ गया है... कि कमान सेना के हाथ में देकर इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाये... पर हमारे हुक्मरान का कहना है कि अभी बक्त नहीं आया है... अरे अगर अभी बक्त नहीं आया है तो क्या सोकड़ो लाशो को देखने कि इक्छा है कि... तब जाकर कुछ कार्रवाई होगी... अरे ये लोग नहीं सुधरने बाले इन्हें तब तक समझ नहीं आएगा जब तक कोई इन सबसे बड़ी वारदात नहीं होगी... सबाल ये है कि आखिर चुक कहा हो रही है... क्यों जवान नक्सालियों के बिछाए जाल में फँस जाते है... क्या हमारा खुफिया तंत्र पूरी तरह से नस्ट हो चूका है... इस बात को रायपुर सीआरपीएफ आईजी ने स्वीकार किया है... अगर एसा है तो क्यों जवानो को मौत के मुह में धकेला जा रहा है... लगता है कि सरकार का न तो दिल काम कर रहा है न दिमाक....
इन्हें हाथो में चुडिया पहिनकर बैठ जाना चाहिए... पर इनसे ये भी तो नहीं होगा... आज हमें आवाज उठानी होगी और इन सोये लोगो को जगाना होगा... अब ये जनता का दयित्ब हो गया है...

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