Saturday, June 12, 2010

त्रासदी पर त्रासदी..........

त्रासदी पर त्रासदी लगता है भोपालवासियों के लिए येही देखना और सुनना बचा हुआ था... २५ साल पहले एक गोरे ने २५ हज़ार लोगो को मौत के आगोश में दफ़न कर दिया... और २५ सालों बाद जब फिर से भोपाल गैस कांड कि किताब खुलनी शुरू हुई तो देश इस कांड पर दूसरी त्रासदी से बाकिफ हो रहा है कि किस तरफ हमारे देश के कुछ लालची और गद्दार नेताओं ने किस तरफ इस गुनाह के असली मुजरिम को देश से बाहर निकलने में अहम् रोल अदा किया... अब पूरा देश इन नेताओ से जबाब मांग रहा पर न जाने ये किस मियाँद में दुबके बैठे हुए है... जिनमे सबसे ऊपर नाम है कांग्रेस के वरिष्ट नेता और वर्तमान में मध्यप्रदेश के मुखिया अर्जुन सिंह का... और इसमें राजीव गाँधी का नाम भी दावी जुबान में सबूतों के आधार पर लिया जा रहा है...
आज से ठीक २५ साल ६ महीने और २६ दिनों पहले अब तक कि सबसे बड़ी ओदियोगिक त्रासदियों में गिनी जाने वाली भोपाल गैस त्रासदी के बारे में अगर बन्हा के लोगो से जिक्र करने बैठ जाये तो लोगो के आंसू आज भी झर झर बहने लगते है... पर वो लोग क्या जाने जिन्हें सिर्फ और सिर्फ इतना पता था कि किस तरह इस कांड के मुख्य आरोपी voren andorson को जल्द से जल्द देश से बाहर निकलना है... २ दिसम्बर १९८४ को हुए इस कांड के एक दिन बाद दुरसे दिन गैर जमानती धारा लगने के बाद भी andorson को जमानत मिल गई और उसे भोपाल से निकलने के लिए लाल बत्ती वाली ambesdor कार जिसे खुद भोपाल के तात्कालिक एसपी स्वराज्पुरी चला रहे थे और जिसमे कलेक्टर भोपाल मोती सिंह बैठे हुए थे... कार सीधे एअरपोर्ट पहुची और बहा खड़े विमान से voren andorson को दिल्ली भेज दिया गया... और वो बन्हा से अपने बतन चला गया... २५ हज़ार मौतों के कसुरबार को सरकारी मेहमान नवाजी के साथ इस तरह देश से बाहर सुरक्षित भगा देना समझ से परे है... यंहा पर सवाल तात्कालिक केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश कि सरकार दोनों पर उठ रहा है... क्योंकि सरकार का विमान बिना मुख्यमंत्री के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता तो क्या अर्जुन सिंह ने विमान उपलब्ध कराया... क्या अर्जुन सिंह ने स्वर्गीय राजीव गाँधी के कहने पर एसा किया... एसे सवाल है जिनके जबाब २५ हज़ार लोगो के परिजन आज मांग रहे है जिनके अपने बिना बजह मारे गए...
अभी कुछ ही दिन पहले भोपाल जिला कोर्ट ने इसी कांड से जुड़े ७ आरोपियों को सजा सुने थी महज २ साल कि पर वो सारे के सारे जमानत पर महज २ घंटों में छुट गए... एसे में क्या हमारी न्यालिन प्रक्रिया ही एसी है कि हर मुजरिम बच के निकल जाता है और बेचारे इंसाफ के लिए रास्ता देख रहे लोगो कि आखे पथरा जाती है... जब कौर्ट का निर्णय आया तो ये भोपाल गैस पीडितो के लिए दूसरा सबसे बड़ा झटका था... पर इतना सब कुछ हो जाने के बाद आज भी क्यों नहीं अर्जुन सिंह सामने नहीं आ रहे कि आखिर किन परिस्थितियों में उस व्यक्ति को छोड़ा गया था क्या उनकी छुप्पी ये सवित कार रही है कि वे गुनेहगार है... पर जिस तरह से अर्जुन से के खिलाफ मीडिया में खबरे आ रही है उससे कांग्रेस का चेहरा कुछ एसा दिखाई दे रहा है... कि वो अर्जुन से कन्नी काट रही है... एसे में देखना दिलचस्प होगा कि किस तरह से इस पुरे मामले से पर्दा उठता है... क्योंकि इसमें अर्जुन सिंह का निपटना तय ही माना जा रहा है... देखने वाली बात ये होगी कि कितनी जल्दी गैस पीडितो को इन्साफ मिल पता है... क्योंकि अब बक्त आ गया है कि इन लोगो के साथ दुबारा कुछ एसा न हो जिससे इनका भारतीय कानून और दंड व्यवस्था से विस्वाश उठ जाये...
आपको पता ही होगा कि आज भी भोपाल में लोग अपांग पैदा होते है... कुछ लोग एसे है जो आज भी जीवित है और उस त्रासदी का दंश झेलने पर मजबूर है... कोर्ट के जजमेंट के बाद एक एक कर जो पन्ने इस कांड से जुड़े हुए पलटे जा रहे है उससे साफ है कि कुछ और चोकने वाले नाम सामने आ सकते है... इस कांड ने न जाने कितने घर तवाह कर दिए... कितनो को बेघर कर दिया... पता नहीं पर लोगो को इतना पता है कि उन्हें इंसाफ चाहिए... जाहे जैसे भी मिले... जब ये कांड हुआ तो सडको पर लाशो के ढेर लग गए थे... रोज तड़फ के लोग दम तोड़ रहे थे... दफन करने के लिए जगह कम पड़ रही थी... लोगो को एसे ही जलाया जा रहा था... क्योंकि महामारी फैलने का अंदेशा था... जिन मुस्किल परिस्थितियों से भोपाल गुजरा है उसके बारे में सोचकर भी लोगो कि रहे काँप उठती है... उस बक्त जिन लोगो ने वो खोफ नाक मंजर देखा वो आज भी उसे याद कर देहेल जाते है... पर क्या हमारी सरकार एसे गुनेह्गारों का कुछ नहीं बिगाड़ सकती... varen andorson जिन्दा होने के बाद भी भारत नहीं लाया जा सकता... मेरे खियाल से अब मुमकिन है पर करना कोई नहीं चाहता अगर हमारी जगह अमेरिका होता और वंहा पर ये त्रासदी हुई होती तो अब तक वो सब कुछ मटियामेट कर चूका होता वारेन को पकड़ने के लिए... आपने तो देखा है कि किस तरह उसने इराक को निस्तेनाबुत कर दिया... पर भारत क्यों और किन कारणों से पीछे है... सवाल सिर्फ इस बात का है... हमें पता है कि आरोपी इस जगह छुपा बैठा पर हम फिर भी उसे नहीं पकड़ पा रहे तो इसमें कही न कंही सवाल हम पर भी खड़ा होता है...हमें इसका जवाब जल्द ही खोजना होगा कंही भोपाल के लोग अपना आपा न खो दे...

2 comments:

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  2. भोपाल का हाल तब भी बेहाल था जब एन्डरसन ने भोपाल का सीना छलनी कर रखा था और अ़ब भी बेहाल है जब राजनेता गैस कांड पीडितो के ज़ख्मो पर मरहम लगने की राजनीति कर रहे है ..वो मरहम जो घाव को भरता नहीं और हरा कर रहा है

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