हिंदुस्तान में भले ही क्रिकेट का जनम ना हुआ है बाबजूद इसके इस देश के लोगों का दिल क्रिकेट पर ही धडकता है ..सुबह का अखबार हो या टीवी का रेमोड सब अपने आप क्रिकेट को तलाश लेते है..क्योंकि इस देश की आवाम क्रिकेट जीती है और क्रिकेट पर मर मरती है... और आप सोच रहे है की ये याराना बेहद ही पुराना है तो जनाब एसा नही है... अभी कुछ दशकों से ही क्रिकेट के चाहने बालों की तादाद बड़ी है... ना जाने कितने खिलाड़ी आए और जाते रहे पर कुछ खिलाड़ी है जिन्होंने अपना सब कुछ क्रिकेट को समर्पित कर दिया..और आज लोग उसे मास्टर ब्लास्टर के नाम से जानते है॥
एक तेज गेंदवाज बनने का सपना पाले हाथों में गेंद थामे नाटे कद का नोजवान जब मैदान में उतरा तो लोगों ने कहा की ये गेंदवाज नही बल्कि बल्लेवाज ज्यादा लगता है.... और उसी में से किसी ने उस नोजवान के हाथों में थमा दिया बल्लासुक्र है उस इन्सान का जिसने उसे बल्ला पकडाया... ...क्योंकि अगर उसकी प्रतिभा को पहचाना न जाता तो सायद क्रिकेट इस महान खिलाड़ी से महरूम रह जाता..जी हां बहुत हुआ आप सब समझ ही गए होंगे की मैं किसकी बात कर रहा हूँ..... बेसक सचिन रमेश तेंदुलकर की... जिसके लिए क्रिकेट से बढकर सायद आज भी दुनिया में कुछ और नही है..... मुझे वो दिन आज भी याद है... हलाकि मैं बहुत छोटा था... पर सचिन के पिता के मौत की ख़बर लगी उस बक्त विश्व कप चल रहा था... इस खिलाड़ी ने न क्रिकेट को छोड़ा न अपने पुत्र धर्म को..... पिता की अन्तिम यात्रा में सामिल हो कर लोट गया मैच खेलने और ठोक दिया शतक... और बता दिया की देश से बढकर दूसरा कोई नही...
पर इस महान खिलाड़ी पर ऊँगली उठाने वाले ये भूल गए है की हिंदुस्तान का कोई भी सच्चा देश भक्त है तो वो उससे जब पूछा जाएगा की वो कौन है तो वो बही कहेगा की वो हिंदुस्तान है... और सचिन ने एसा है कहा पर लोग तो सिर्फ़ अपना उल्लू सीधा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है और शिवसेना के नेता ने एषा है लिखा है॥ की सचिन ने मराठियों की भावनायों के साथ खिलवाड़ किया है.अगर ख़ुद को हिन्दुस्तानी वोलना ग़लत है तो ठीक है आज हर हिन्दुस्तनी ये बोलेगा... ..खेर छोडिये हिन्दी में एक कहावत है की कुत्ता कोसने से ढोर नही मरता वो इन पर ठीक जमती है...हम तो उस महान खिलाड़ी की बात कर रहे थे पर पता नही कहा से कुछ बटवारा करने बालों का जिक्र आ गया...सचिन तेंदुलकर को अगर सचिन 'रिकॉर्ड' तेंदुलकर कहा जाए तो ग़लत नही होगा.वन डे हो या टेस्ट सायद ही एसा कोई रिकॉर्ड होगा ये इस खिलाड़ी के नाम नही होगा.आज भी जब भी इस महान खिलाड़ी से बात करो तो इसे अपने करियर में इतना दुःख है की वो भारत को विश्व कप विजेता नही बना सका है......और उसे हमेश इस बात का मलाल रह जाता है॥जिसने अपनी तमाम उम्र क्रिकेट पर समर्पित कर दी..अगर उस पर कोई ऊँगली उठता है तो बड़े सरम की बात है... न सिर्फ़ सरम की बात है मुंबई बासियों के लिए बल्कि पुरे देश के लिए.. क्योंकि सचिन देश ने देश को बहुत कुछ लिया है.. पर राजनितिक रोटिया सकने वाले क्या हम तो येही कहेंगे की सचिन पर उतने वाली हर आवाज का जबाब उस खिलाड़ी को नही देना है बल्कि देश की सरकार और जनता को चाहिए की इसका जबाब दे...
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